सर्वनाम किसे कहते हैं?(sarvanam kise kehte hain): दोस्तो आज के इस पोस्ट में आपका स्वागत है।आज के पोस्ट के माध्यम से हमलोग सर्वनाम किसे कहते है?इसके भेद, प्रकारों को परिभाषाओं के माध्यम से उदाहरण के साथ जानेंगे।अगर आपको भी जानना है कि सर्वनाम किसे कहते हैं? तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
दोस्तो हिंदी भाषा में किसी वाक्य को को बोलते समय किसी के नाम का प्रयोग करते है इन नामों को संज्ञा कहा जाता हैं।अब कुछ ऐसे भी शब्द है जिनका प्रयोग संज्ञा के बदले या संज्ञा के स्थान पर किया जाता।
अतः ''वाक्य में प्रयुक्त वे शब्द जिनका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है, उन शब्दों को सर्वनाम कहा जाता है।'' सर्वनाम का परिभाषा और उसके भेद नीचे की ओर बताए गए है।
सर्वनाम का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उपर हमने सर्वनाम किसे कहते है? ये तो जान लिया लेकिन सवाल ये है कि जब संज्ञा है तो फिर सर्वनाम की आवश्यकता क्यों है?या फिर ये की संज्ञा के बदले सर्वनाम का प्रयोग क्यों किया जाता है?तो आइए इसका जवाब जानते है।
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जब भी हम कोई वाक्य बोलते है तो उसमें संज्ञा का प्रयोग करते ही है।अब कई बार कुछ ऐसे वाक्य आते है जिसमें एक से अधिक बार संज्ञा का प्रयोग करना पड़ता है।
लेकिन एक से अधिक बार संज्ञा के प्रयोग करने से वाक्य अटपटा अमान्य लगने लगता है।इसी समस्या को दूर करने के लिए वाक्यों में सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है।
इसको और अच्छे से समझने के लिए नीचे किसी छात्र द्वारा लिखे गए गाय पर लेख को देखिए।
छात्र द्वारा लिखित गाय पर लेख देखें (समझने के लिए)
गाय एक पालतू पशु है।गाय दूध देती है।गाय के चार पैर होते है तथा गाय की एक पूंछ भी होती है।
उपर छात्र द्वारा लिखे हुए लेख को देखे।ये व्याकरण की दृष्टि से तो सही है किन्तु पढ़ने में अजीब लग रहा है।
अगर यही पर वह छात्र संज्ञा के साथ सर्वनाम का भी उपयोग करेगा तो गाय पर लेख कुछ इस प्रकार होगा-
गाय एक पालतू पशु है।यह दूध देती है।इसके चार पैर होते हैं तथा इसकी एक पूंछ भी होती है।
छात्र द्वारा लिखे हुए लेख में केवल सर्वनाम को सम्मिलित करने से लेख और अधी आकर्षक लगने लगा है।इस प्रकार सर्वनाम के प्रयोग करने पर हमने देखा प्रारम्भ के लेख में जो वाक्य हमें अजीब लग रहे थे अब वो वाक्य और अधिक अच्छे और आकर्षक लगने लगे।
अतः ये कहा जा सकता है की सर्वनाम का प्रयोग वाक्यों में संज्ञा के बार-बार प्रयोग से बचाने के लिए किया जाता है।
सर्वनाम का अर्थ:-सर्वनाम की रचना दो शब्दों सर्व और नाम के मेल से हुई है।यहां सर्व का मतलब सभी से है तथा नाम (संज्ञा)के लिए है।इस तरह सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ सभी का नाम होता है।
सर्वनाम की परिभाषा (Sarvnam ki paribhasha)
''जो शब्द संज्ञा के बदले वाक्य में प्रयुक्त किए जाते है , सर्वनाम कहलाते है।''
जैसे-मै ,तू, आप, कौन, कैसे आदि।
सर्वनाम का सभी नामो के लिए प्रयोग किए जा सकते है। इसलिए इसे संज्ञा का प्रतिनिधि भी कहते है।
सर्वनाम मूलरुप से 11(ग्यारह) है जो निम्नलिखित है:-
मै, तू, वह, आप, यह, जो, सो, कोई, कुछ, कौन, और क्या
वाक्य प्रयोग द्वारा सर्वनाम का उदाहरण
- मै खाना खाऊंगा।
- वह बाजार गया है।
- देखो कौन आया है।
- राम घर पर नहीं है,वह स्कूल गया है
- मोहन ने कहा कि मै अभी आता हूं।
सर्वनाम के मुख्यतः छह भेद है जो निम्नलिखित हैं -
1.पुरुषवाचक सर्वनाम- मै, तू, वह, आप।
2.निजवाचक सर्वनाम- आप।
3.निश्चयवाचक सर्वनाम- यह, वह, सो।
4.अनिश्चयवाचक सर्वनाम- कोई, कुछ।
5.प्रश्नवाचक सर्वनाम- कौन, क्या।
6.संबंधवाचक सर्वनाम- जो, सो।
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
उदाहरण
- मै खाना खाता हूं।
- आप भोजन कर रहे हो।
- वह धार्मिक है। आदि
पुरुषवाचक सर्वनाम के प्रकार -पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते है:-
(क)उत्तम पुरुष
(ख)मध्यम पुरुष
(ग) अन्य पुरुष
(क)उत्तम पुरुष- जिस सर्वनाम से वक्ता अर्थात् बोलनेवाले का बोध होता है वह उत्तम पुरुष है। जैसे-मै,हम।
उदाहरण
- मै क्रिकेट खेल रहा हूं।
- हम कौन है?कोई नहीं जानता।
(ख)माध्यम पुरुष-जिस सर्वनाम से श्रोता अर्थात् सुनने वाले का बोध हो वह माध्यम पुरुष है। जैसे-तू,तुम,आप।
उदाहरण-
- तुम एक धावक हो।
- आप एक अच्छे इंसान हो।
(ग)अन्य पुरुष-जिस सर्वनाम से किसी वक्ता या श्रोता का बोध ना होकर किसी अन्य का बोध हो वह अन्य पुरुष है।
यहां अन्य पुरुष से मतलब है जिसके बारे वक्ता और श्रोता संवाद कर रहे हो। जैसे-वह,यह,कौन,क्या आदि।
उदाहरण
- वह एक क्रिकेटर है।
- यह बहादुर बालक है।
2.निजवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम से निजता का बोध होता है उसे निजवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे-आप,अपनी,अपना आदि।उदाहरण
- राम अपना कार्य कर रहा है।
- मै अपना कार्य आप ही कर लूंगा।
- तुम अपने पढ़ाई पर ध्यान दो।
- उसने स्वयं को बदल दिया।
नोट:-यहां आप का प्रयोग निजवाचक सर्वनाम के साथ पुरुषवाचक सर्वनाम के माध्यम पुरुष में भी किया जाता है।लेकिन आपको ध्यान ये रखना है कि पुरुषवाचक सर्वनाम में आप का प्रयोग श्रोता के लिए आदरसूचक शब्द के रूप में और केवल माध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के लिए होता है किन्तु निजवाचक सर्वनाम में आप का प्रयोग स्वयं के लिए तथा तीनों पुरुषों में होता है।
3. निश्चयवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम से किसी व्यक्ति,वस्तु या स्थान आदि के निश्चितता का बोध हो उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।उदाहरण
- वह कौन है?
- यह टेबल मोहन का है।
- यह मेरा गाव है और वह तुम्हारा।
नोट:-निश्चयवाचक सर्वनाम में निकटता का बोध कराने के लिए मुख्यरूप से यह और दूरी का बोध कराने के लिए वह का प्रयोग किया जाता है।
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम से किसी व्यक्ति,वस्तु,स्थान आदि के निश्चितता का बोध ना होकर के अनिश्चितता का बोध हो तो उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे-कोई,कुछ।
उदाहरण
- कोई आया है।
- पानी में कुछ है ।
5.प्रश्नवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम से प्रश्नों का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे-कौन,क्या।
उदाहरण
- यहां कौन आया है?
- बोलिए पिताजी,मै आपके लिए क्या लाऊं?
नोट:-'कौन' का प्रयोग चेतना(सजीव) के लिए तथा 'क्या' का प्रयोग अचेतना(निर्जीव) के लिए होता है।
उपर के दिए वाक्यों में कौन का प्रयोग सजीवो के लिए किया गया है तथा क्या का प्रयोग निर्जीव के लिए किया गया है।लेकिन इस नियम के विरोधी प्रयोग भी मिलते है। जैसे-इसमें कौन सा लाभ है? इस वाक्य में कौन का प्रयोग लाभ के संदर्भ में किया गया है जो की निर्जीव हैं।इसी प्रकार "यह भी क्या आदमी है? इस वाक्य में क्या का प्रयोग आदमी के संदर्भ मै किया गया है जो एक सजीव है।
6. संबंधवाचक सर्वनाम
जब किसी वाक्य में एक सर्वनाम का किसी दूसरे सर्वनाम से संबंध स्थापित होता है तो उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-जो,सो।उदाहरण
- जो जैसे करेगा,वो वैसा भरेगा।
- जो आया है,सो जायेगा।
- जैसी करनी, वैसी भरनी।
सर्वनाम के प्रयोग के संबंध में कुछ स्मरण रखने योग्य बातें-
- संबोधित करने में सर्वनाम का विकार नहीं होता है।
- हम का प्रयोग एकवचन में भी होता है।बहुवचन के रूप में हमलोग का प्रयोग किया जाता है।
- यह, वह, वे, ये सर्वनामों के आगे विशेष्य (संज्ञा) का प्रयोग होने से ये विशेषण हो जाते हैं। जैसे-यह लड़का, वह शिक्षक, वे बच्चे ,वह देश आदि।
- सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर आते हैं,अतः उनके प्रयोग में भी संज्ञा की तरह कारक और उसके अनुसार रूप का विचार करना पड़ता है।संज्ञा की भांति सर्वनाम में भी कार्य के कारण विकार या परिवर्तन होता है।
तो ये था आज का पोस्ट जिसमें हमने सर्वनाम किसे कहते है?इसके भेद और प्रकारों को उदाहरण के साथ जाना।आशा करता हूं कि इस पोस्ट के माध्यम आप सर्वनाम किसे कहते है?ये जान गए होंगे।
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