Sangya kise kahate hain:किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के नाम को संज्ञा कहा जाता है।संसार में जितने भी चीजे (वस्तु) है सभी का कोई ना कोई नाम है।हिंदी व्याकरण में नाम को ही संज्ञा कहा जाता है।मनुष्य, गाय, घोड, हसना, रोना, शहर,पर्वत आदि ये सभी संज्ञा है।
संज्ञा किसे कहते है? इसे और अच्छे से जानने और समझने के लिए आप नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए:-
1.मोहन कार से दिल्ली जाएगा।
2.रोहन हाथी की सवारी करता है।
3.क्रोध मनुष्य को पागल बना देता है।
4.ईमानदारी सर्वोत्तम गुण है।
5. बुढ़ापा सभी रोगों का घर है।
2.रोहन हाथी की सवारी करता है।
3.क्रोध मनुष्य को पागल बना देता है।
4.ईमानदारी सर्वोत्तम गुण है।
5. बुढ़ापा सभी रोगों का घर है।
उपर के वाक्यों में रोहन और मोहन व्यक्तियों के नाम है, दिल्ली शहर का नाम है।हाथी और मनुष्य जानवर और आदमियों के नाम है तथा ईमानदारी और बुढ़ापा गुण और अवस्था को बता रहे है।ये सभी किसी न किसी नाम को बता रहे है अतः जो शब्द किसी के नाम को बताते है वह संज्ञा कहलाता है।
संज्ञा किसे कहते है? संज्ञा की परिभाषा और संज्ञा के प्रकार।(sangya kise kahate hain)
संज्ञा किसे कहते है?(परिभाषा):-
"जिससे किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण और भाव का बोध होता उसे संज्ञा कहते है।"
उदाहरण:-
- व्यक्ति के नाम - राम,श्याम,रोहन,सीता,गीता आदि।
- वस्तुओं के नाम -कुर्सी, टेबल, हथौड़ा,कुदाल आदि।
- स्थानों के नाम -दिल्ली,मुंबई,पटना,कलकत्ता आदि।
- गुण व भाव - हसना,रोना, गाना, अच्छाई, बुराई,बुढ़ापा,भलाई आदि।
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संज्ञा के भेद(प्रकार):-
संज्ञा को हम दो आधार पर समझेंगे ताकि आपको पूरी जानकारी हो
(क).व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के तीन भेद होते हैं:-
(1)रूढ़ (2)यौगिक (3) योगरूढ़
(1)रूढ़ (2)यौगिक (3) योगरूढ़
(ख).अर्थ के आधार पर संज्ञा के पांच भेद होते हैं:-
(1) व्यक्तिवाचक संज्ञा, (2) जातिवाचक संज्ञा संज्ञा,
(3) भाववाचक संज्ञा, (4) द्रव्यवाचक संज्ञा,
(5) समूहवाचक संज्ञा।
(क). व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के भेद:-
उत्पति के आधार पर संज्ञा के तीन प्रकार होते है।
(1)रूढ़ संज्ञाएं:- वे संज्ञाएं जिनके प्रत्येक खंड निरर्थक होते है,रूढ़ संज्ञा कहलाते है। अर्थात् जिन संज्ञाओं शब्दों को अलग करने पर कोई अर्थ नही देते है वे रूढ़ संज्ञा होते है।जैसे - नल, अगर नल के न और ल को अलग करे तो उसका कोई अर्थ नहीं रह जाता है।
उदाहरण:- घर,कल,जल,नल आदि।
(2)यौगिक संज्ञा :- एक से अधिक सार्थक शब्दों के मेल से बनी संज्ञाओं को यौगिक संज्ञा कहते है।जैसे- हिमखंड, यदि हिमखंड के शब्दों ' हिम ' और ' खंड ' को अलग करते है तो देखते है कि ये दोनों सार्थक शब्द है,अर्थात् इनका अर्थ है।
अन्य उदाहरण:- पाठशाला,गौशाला आदि।
(3) योगरूढि संज्ञा:- वे संज्ञाएं जिनका कोई विशेष अर्थ होता है या वे संज्ञाएं जो अपने खंडो को छोड़कर दूसरा अर्थ देते है, योगरूढ़ संज्ञा होते है।
जैसे - जलज, यदि जलज का खंड किया जाए तो ' जल ' और ' ज ' सार्थक है। यहां जल का मतलब पानी से है और ज का अर्थ जन्म से है,जिसका अर्थ हुआ पानी में जन्मा।पानी में कई जीव जंतु जन्म लेते है लेकिन यहां जलज का अर्थ कमल होता है। ऐसे ही संज्ञाएं योगरूढि संज्ञा कहलाती है।
नोट:- जिन संज्ञाओं के खंडो का कोई अर्थ नहीं होता है उसे रूढ़ि,जिन संज्ञाओं के खंडों के कोई अर्थ होता है उसे यौगिक तथा जिन संज्ञाओं के खंडों कोई विशेष व अलग अर्थ होता है उसे योगरूढि संज्ञा कहा जाता है।
sangya kise kahate hain
(ख). अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद:-
अर्थ के आधार पर संज्ञा के पांच भेद होते है।जो निम्नलिखित है:-
(1)व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)
(2) जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)
(3) भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)
(4) समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun)
"जिस संज्ञा से किसी खास व्यक्ति,वस्तु,स्थान आदि के नाम का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है।"
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण:- राम, मोहन, चेतक(घोड), हिमालय(पर्वत), गंगा(नदी), दिल्ली(शहर) आदि।
(2) जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)
"जिस संज्ञा से समस्त जाति का बोध होता है,उसे जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है।"
अर्थात् वह संज्ञा जो किसी खास व्यक्ति,स्थान,वस्तु आदि का बोध ना करते हुए उससे संबंधित पूरे जाति का बोध कराता है,जातिवाचक संज्ञा है।
जैसे - मनुष्य,यहां मनुष्य कहने से किसी खास व्यक्ति के नाम का बोध नहीं होता बल्कि समस्त व्यक्तियों के जातियों का बोध होता है।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण:-मनुष्य, लड़का, लड़की, गाय, हाथी, नदी, पर्वत आदि।
(3)भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)
"जिस संज्ञा से गुण,दशा,क्रिया,धर्म भाव आदि का बोध होता है उस संज्ञा को भाववाचक संज्ञा कहते है।"
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण-बचपन, बुढ़ापा, सुख, दुख, मोटापा, पशुता, अपनापन, कमाई आदि।
(4) समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun):-
"जिस संज्ञा से किसी व्यक्ति या वस्तु के समूह अथावा झुंड का बोध होता है उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है।"
समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण - मेला, फौज, भीड़, वर्ग आदि।
(5) द्रव्यवाचक संज्ञा (Meterial Noun)
"जिस संज्ञा से किसी द्रव्य या द्रव्यो के नाम का बोध होता है उस संज्ञा को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है।"
या "जिसे नापा या तौला जा सके वह द्रव्यवाचक संज्ञा है।"
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण- लोहा, तांबा,चीनी, दूध, तेल, घी आदि।
तो दोस्तो ये था मेरा आज का पोस्ट sangya kise kahate hain जिसमें हमने संज्ञा किसे कहते है? संज्ञा की परिभाषा और संज्ञा के प्रकार के बारे में उदाहरण के साथ जाना।
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Nice
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DeleteGood
ReplyDeleteThank you sir
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