यहां हम क्रिया विशेषण किसे कहते है इसकी परिभाषा(kriya visheshan ki paribhasha) और क्रिया विशेषण के कितने भेद होते है इसके बारे में उदाहरण के साथ जानेंगे।
आज आप जानेंगे 📝
क्रिया विशेषण किसे कहते है-व्याख्या
क्रिया विशेषण के उदाहरण
क्रिया विशेषण की परिभाषा
क्रिया विशेषण के भेद (विभिन्न आधारों पर)
A. अर्थ के आधार पर important
1.स्थानवाचक क्रिया विशेषण
2.कालवाचक क्रिया विशेषण
3.परिणामवाचक क्रिया विशेषण
4.रीतिवाचक क्रिया विशेषण
B. रूप के आधार पर
1.मूल क्रिया विशेषण
2.यौगिक क्रिया विशेषण
3. स्थानीय क्रिया विशेषण
C. प्रयोग के आधार पर
1. साधारण क्रिया विशेषण
2. संयोजक क्रिया विशेषण
3. अनुबद्ध क्रिया विशेषण
विशेषण और क्रिया विशेषण में अंतर
क्रिया विशेषण किसे कहते हैं?[kriya visheshan kise kahate hain?]
"वैसे शब्द जिनसे क्रिया कि किसी विशेषता का बोध होता है,क्रिया विशेषण कहलाते है"।जैसा कि आप जानते है कि संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहा जाता है।ठीक वैसे ही जो शब्द क्रिया की विशेषता बताता है उसे क्रिया विशेषण कहा जाता है। जैसे-यहां,वहा,कम,अधिक,आज,कल आदि।क्रिया विशेषण के उदाहरण (kriya visheshan ke udaharan)
- तुम अधिक खाते हो।
- मोहन धीरे-धीरे चलता है।
- मै कल जाऊंगा।
- वह तेज दौड़ता है।
- तुम किधर जाओगे।
ऊपर के वाक्यों में 'अधिक' 'धीरे-धीरे' 'कल' 'तेज' और 'किधर' ये सब 'खाना' 'चलना' 'दौड़ना' और 'जाना' इन सभी क्रियाओं कि विशेषताओं का बोध करा रहे है,इसलिए इन्हे क्रिया विशेषण शब्द कहा जाता है।
नोट:-क्रिया विशेषण केवल क्रिया कि ही विशेषता नहीं बताता है बल्कि विशेषण की भी विशेषता को बताता है।
- जैसे-वह लड़का बहुत होनहार है।
इस आधार पर क्रिया विशेषण की परिभाषा कुछ इस तरह से दी जा सकती है-
क्रिया विशेषण की परिभाषा[kriya visheshan ki paribhasha]
1."जिस अव्यय से क्रिया कि कोई विशेषता जानी जाती है,उसे क्रिया विशेषण कहते है।"- कामता प्रसाद गुरु
2."जिससे क्रिया के किसी विशेषता का बोध होता हो,उसे क्रिया विशेषण कहते है।"
3."ऐसे शब्द जिनसे क्रिया या विशेषण के किसी विशेषता का बोध हो,क्रिया विशेषण कहलाते है।"
अथवा
"क्रिया या विशेषण की विशेषता का बोध कराने वाले शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं।"
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क्रिया विशेषण के भेद[kriya visheshan ke bhed]
यहां क्रिया विशेषण के भेदों को तीन आधारों पर समझेंगे जो निम्नलिखित हैं-A. अर्थ के आधार पर
B. रूप के आधार पर
C. प्रयोग के आधार पर
A.अर्थ के अनुसार क्रिया विशेषण के भेद:
अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के 4 भेद होते हैं जो निम्नलिखित है:1.स्थानवाचक क्रिया विशेषण
2.कालवाचक क्रिया विशेषण
3.परिणामवाचक क्रिया विशेषण
4.रीतिवाचक क्रिया विशेषण
1.स्थानवाचक क्रिया विशेषण
जिस शब्द से क्रिया के स्थान या दिशा का बोध होता हो, उसे स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है। जैसे-यहां,वहा,इधर,उधर, जहां, तहां,ऊपर,नीचे,बाहर,भीतर आदि।
उदाहरण:
- 1.तुम यहां आओगे।
- 2.वह उधर गया।
- 3.राम किधर खड़ा है।
- 4.मोहन दूर बैठा है।आदि।
स्थानवाचक क्रिया विशेषण के दो भेद होते है
(1).स्थितिवाचक -इससे किसी क्रिया के स्थिति का बोध होता है। जैसे-यहां,वहा, जहां,तहा,ऊपर,नीचे,आगे, पीछे आदि। [उदाहरण(1)और(4) देखे]
(2). दिशावाचक-इससे क्रिया के दिशा का बोध होता है। जैसे-दाए,बाए,ऊपर,नीचे आदि।[उदाहरण(2)और(3) देखे]
2.कालवाचक क्रिया विशेषण
जिस शब्द से क्रिया के काल यानी समय का बोध होता है,उसे कालवाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है। जैसे-आज,कल,अब,जब,प्रतिदिन आदि।
उदाहरण:
- राम कल आया था।
- तुम कब गए थे।
- मै प्रतिदिन स्नान करता हूं।
- आजकल वर्षा हो रही है।
क्रिया विशेषण तीन प्रकार के होते है-
(1). समयवाचक-जिससे समय का बोध हो। जैसे-आज,कल, परसों,अब,जब,तब,कभी,तुरन्त पहले आदि।
(2).अवधिवाचक-जिससे अवधि का बोध होता हो। जैसे-आजकल,सदा,प्रतिदिन,लगातार आदि।
(3). पौनः पुन्यवाचक-जिससे क्रिया की पुनरावृति का बोध हो। जैसे -बार-बार, घड़ी-घड़ी, कई-बार,हर-बार आदि।
3.परिणामवाचक क्रिया विशेषण
वैसे क्रियाविशेषण शब्द जिनसे क्रिया के परिमाण या मात्रा का बोध होता है,परिणामवाचक क्रिया विशेषण कहलाता हैं। जैसे-थोड़ा,लगभग,कम,अधिक,कितना,बराबर आदि।उदाहरण:
- पानी इतना गर्म है कि पिया नहीं जाता।
- मेरे पास कुछ रुपए हैं।
- तुम अधिक सोते हो।
- रोहन कम बोलता हैं।
परिणाम वाचक क्रिया विशेषण को पांच प्रकारों में बांटा जा सकता है जो निम्नलिखत है:
(क) अधिकताबोधक-बड़ा,अधिक,भारी,खूब,अत्यन्त आदि।
(ख) न्यूनताबोधक-थोड़ा,कुछ,लगभग, जरा, प्रायः आदि।
(ग) पर्याप्तिबोधक-बस,ठीक,बराबर,केवल,काफी आदि।
(घ) तुलनावाचक-अधिक,कम,उतना,इतना,कितना आदि।
(ड) श्रेणीवाचक-थोड़ा-थोड़ा, बरी-बरी, एक-एक आदि।
4.रीतिवाचक क्रिया विशेषण
वे क्रिया विशेषण शब्द जिनसे क्रिया के रीति,ढंग या विधि का बोध हो तो वे रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते है। जैसे-ऐसे,वैसे,जैसे,तैसे,अवश्य,अचानक आदि।उदाहरण:
- टेबल ऐसे बनता है।
- तुम ध्यान से चलो है।
- राम अवश्य आयेगा।
- चावल अचानक महंगा हो गया।
- कछुआ धीरे चलता है।आदि।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण को 7 प्रकार होते है।
(1) प्रकारबोधक-ऐसे,वैसे,जैसे,तैसे,धीरे,अचानक आदि।
(2) निश्चयबोधक-अवश्य,बेशक,जरूर,यथार्थ आदि।
(3) अनिश्चयबोधक-कदाचित,शायद,यथासंभव,संभवतः आदि।
(4) स्वीकारबोधक-हां,ठीक,जी आदि।
(5) कारणबोधक-अतः,अतएव,इसलिए आदि।
(6) निषेधबोधक-नहीं,मत,न आदि।
(7) अवधारणबोधक-मात्र,तक,भर,तो,सो आदि।
B.रूप के अनुसार क्रिया विशेषण के भेद,परिभाषा और उदाहरण
रूप के आधार पर इसके तीन भेद है जो निम्नलिखित है-1.मूल क्रिया विशेषण
2.यौगिक क्रिया विशेषण
3.संयुक्त क्रिया विशेषण
1.मूल क्रिया विशेषण
वैसे क्रिया विशेषण जो बिना किसी दूसरे शब्दो के मेल से बनते है,वे मूल क्रिया विशेषण कहलाते है।जैसे-फिर,ठीक,कभी, कल,दूर आदि।
2.यौगिक क्रिया विशेषण
वैसे क्रिया विशेषण जो किसी दूसरे शब्दो में प्रत्यय या शब्द जोड़ने से बनते है,वे यौगिक क्रिया विशेषण कहलाते हैं।जैसे-मन से,जिससे,देखते हुए,यहां पर,वहा पर, दिन-रात, ठीक-ठाक आदि।
3.स्थानीय क्रिया विशेषण
वैसे क्रिया विशेषण जो बिना रूपांतरण के किसी विशेष स्थान में आते है, उन्हें स्थानीय क्रिया विशेषण कहा जाता हैं।जैसे-
- तुम मेरी मदद पत्थर करोगे।
- वह अपना सिर पढ़ेगा।
- वह मुझे खाक ढूंढेगा।आदि
C.प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण के भेद, परिभाषा और उदाहरण
प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण के 3 भेद होते है जो निम्नलिखित हैं-1.साधारण क्रिया विशेषण
2.संयोजक क्रियाविशेषण
3.अनुबद्घ क्रिया विशेषण
1.साधारण क्रिया विशेषण
वैसे क्रिया विशेषण जिनका प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र होता है,साधारण क्रिया विशेषण होते है।उदाहरण:
- हाय! अब मै क्या करू?
- अरे! यह घर कहा गया?
- अरे! वह कब आया?
2.संयोजक क्रिया विशेषण
वैसे क्रिया विशेषण जिनका संबंध किसी उपवाक्य से रहता है,संयोजक क्रिया विशेषण कहलाते है।उदाहरण:
- जहां अभी खेत है,वहा पर किसी समय जंगल था।
- जब तुम्ही नहीं,तब मै रहकर क्या करूंगा।
3.अनुबद्ध क्रिया विशेषण
जिनका प्रयोग अवधारणा के लिए किसी भी शब्द भेद साथ होता है,उसे अनुबद्ध क्रिया विशेषण कहा जाता है।उदाहरण:
- मैंने तो उसे पूछा ही नहीं।
- मैंने उसे देखा तक नहीं।
- आपके आने की देर है।
- यह तो किसी ने धोखा ही दिया है।
विशेषण और क्रिया विशेषण में अंतर
दोस्तो विशेषण और क्रिया-विशेषण में अंतर समझने ने के लिए आपको बस इस बात का ध्यान रखना है की,जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताए वह विशेषण है और जो क्रिया की विशेषता को बताए वो क्रिया विशेषण है।संज्ञा और सर्वनाम में और अच्छे से अंतर समझने के लिए नीचे के उदाहरणों को देखिए-
विशेषण⬇️ - क्रिया-विशेषण⬇️
पानी अधिक है। - तुम अधिक खाते हो।
वह अच्छा है। - वह अच्छा खेलता है।
राधा सुंदर है। - राधा सुंदर गाती है।
ज्यादा आम मत खाओ। - आम ज्यादा स्वादिष्ट हैं।
ऊपर के वाक्यों को देखकर आपको विशेषण और क्रिया विशेषण के बीच अंतर समझ में आ गया होगा।
Final Word
तो दोस्तो ये थी हमारी आज कि पोस्ट जिसमें मैंने क्रिया विशेषण किसे कहते हैं(kriya visheshan kise kahate hain),क्रिया विशेषण के भेद और क्रिया विशेषण की परिभाषा आदि के बारे में बताया है।आशा करता हूं आपको ये सभी जानकारी जरूर पसंद आयी होगी।Kriya Visheshan से संबंधित किसी भी तरह के जानकारियों के लिए आप नीचे कमेंट कर सकते है और इस जानकारी को अपने दोस्तो के साथ शेयर जरुर करे।
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